Monday, 27 June 2016

Sayri

थोडा दर्द बेचकर सो गए थे कल रात सुकून की नींद....!!
आज फिर थोड़े गम और बेचे जायेंगे उनके ख्वाब देखने की खातिर....!!!


कभी तो खोदकर देखो तुम अपने जिस्म की कब्रें,
मिलेंगी ख्वाहिशें जिनको तुम अन्दर मार देते हो !!

 यादें करवट बदल रही हैं दूर तलक मैं तन्हाँ हूँ
वक़्त भी जिससे रूठ गया है मैं वो बेबस लम्हां हूँ..

 ‪#‎सिमट‬ गया मेरा ‪#‎प्यार‬ भी चंद ‪#‎अल्फाजों‬ में,जब उसने कहा ‪#‎मोहब्बत‬ तो है पर तुमसे नहीं..

 हर किसी को उतनी जगह दो दिल में जितनी वो आपको देता है,
वरना या तो खुद रोओगे या वो आपको रुलायेगा..

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