गुमसुम यादें, सूने सपने, टूटती-जुड़ती उम्मीदें....
डरता हूँ, कैसे कटेगी, उमर है कोई रात नहीं.!!
धडकन को उसकी याद सें तकलीफ मिल रही है....
अगर मोहब्बत सजा है तो... ठीक मिल रही है...!!
क्या खाक तरक्की की है दुनिया ने,
इश्क के मरीज़ आज भी लाइलाज बेठे है..!!
कीमतें गिर गई मोहब्बत की
चलो !
कोई दूसरा कारोबार करें !💞🚶
मैँ
'ज़र्रा-ज़र्रा' 'जलने' को तैयार हूँ,
शर्त एक है मगर,
अगर वो 'आग' 'तुम' हो तो !"
डरता हूँ, कैसे कटेगी, उमर है कोई रात नहीं.!!
धडकन को उसकी याद सें तकलीफ मिल रही है....
अगर मोहब्बत सजा है तो... ठीक मिल रही है...!!
क्या खाक तरक्की की है दुनिया ने,
इश्क के मरीज़ आज भी लाइलाज बेठे है..!!
कीमतें गिर गई मोहब्बत की
चलो !
कोई दूसरा कारोबार करें !💞🚶
मैँ
'ज़र्रा-ज़र्रा' 'जलने' को तैयार हूँ,
शर्त एक है मगर,
अगर वो 'आग' 'तुम' हो तो !"
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