Saturday, 9 July 2016

2 line hindi sayari...

सोचते है सीख ले हम भी बेरुखी करना सब से ,
सब को महोब्बत देते देते हमने अपनी क़दर खो दी

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जिन्हें गुस्सा आता है वो लोग सच्चे होते हैं ,
मैंने झूठों को अक्सर मुस्कुराते हुए देखा है..


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 हमें पता है ...तुम... कहीं और के मुसाफिर हो ...
हमारा शहर तो.. बस यूँ ही... रास्ते में आया हे.

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पूछ रही है आज मेरी शायरियाँ मुझसे कि,
कहा उड़ गये वो परिंदे जो वाह वाह किया करते थे ...


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फना होने की इजाजत ली नहीं जाती,,
ये मोहब्बत है जनाब पूछ के की नहीं जाती..!!


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कभी साथ बैठो तो कहूँ की क्या दर्द है मेरा.
तुम दूर से पूछोगे तो खैरियत ही कहेंगे ना..!!

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 कैसे मौहब्बत करूं बहुत गरीब हूँ,
लोग बिकते हैं और मैं खरीद नहीं पाता...

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 केवल एक तमन्ना रखता हूँ मैं अपने दिल में,
प्यार से मुझे याद करो चाहे मुद्दतों न बात करो !!

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 हजारों कोशिश की खुद को #busy रखने की,
पर वो शख्स ऐसा है की याद आ ही जाता है !!

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 सिर्फ यादों का एक सिलसिला रह गया है,
खुदा जाने उनसे मेरा क्या रिश्ता रह गया है !!

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