Friday, 1 July 2016

Hindi sayri

अगर हंसने मुस्कुराने के लिये आप
ईश्वर का शुक्रिया नहीं करते,,,,,
तो आँखों मे आये आँसुओं के लिये
उससे शिकायत का कोई हक़ नहीं है




वफादार और तुम....?? ख्याल अच्छा है, बेवफा और हम......?? इल्जाम भी अच्छा है....!!




तेरी मोहब्बत को कभी खेल नही समजा , वरना खेल तो इतने खेले है कि कभी हारे नही ।



दिल से रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बेठे!
यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बेठे!
वो हमे एक लम्हा न दे पाए अपने प्यार का!
और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बेठे!





इस कदर हम यार को मनाने निकले!
उसकी चाहत के हम दिवाने निकले!
जब भी उसे दिल का हाल बताना चाहा!
उसके होठों से वक़्त न होने के बहाने निकले!



हम वो नहीं की भूल जाया करते हैं,
हम वो नहीं जो निभाया करते हैं,
दूर रहकर मिलना सायद मुस्किल हो,
पर याद करके सांसो में बस जाया करते हैं.




एसा जिवन जियो की अगर कोई आपकी बुराई भी करे तो कोई उस पर विश्वास ना करे।




जिन के होंठो पे तुम हंसी
ना रख सको.....
उनकी आँखों में कभी आंसू मत लाया करो..



 मुझे इतना याद आकर बेचैन ना करो तुम,
एक यही सितम काफी है कि साथ नहीं हो तुम !




 "शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी..पर चुप इसलिये हु कि,  जो दिया तूने, वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता

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